काव्य ब्लॉग मंच
- 35 Posts
- 20 Comments
उनके देखने से जो आ जाती है मुँह पे रौनक;
वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है;
देखिए पाते हैं उशशाक़ बुतों से क्या फ़ैज़;
इक बराह्मन ने कहा है कि ये साल अच्छा है;
हमको मालूम है जन्नत की हक़ीकत लेकिन;
दिल के ख़ुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़याल अच्छा है.
Mirza Ghalib Hindi Poetry
Read Comments